अगले कुछ दिन अमायरा के लिए बहुत ही मुश्किल भरे थे। वोह चाहती थी की जितना दूर हो सके उतना कबीर से दूर रहेगी। लेकिन उसकी हर कोशिश नाकामयाब हो रही थी। कबीर अपने विश्वास पर अटल था। वोह सुबह यह ध्यान रखता था की अमायरा सब के साथ ही नाश्ता करे। और उसे इस बात से कोई फर्क नही पड़ता था की उसकी फैमिली उसके बदले स्वरूप को देख कर उसे चिढ़ाने लगी है। रोज़ अमायरा को कबीर फूल देता था जो की सभी फैमिली मेंबर्स नोटिस करते थे जिसकी वजह से अमायरा को गुस्सा आता था। लेकिन खेरियत