भूटान लद्दाख और धर्मशाला की यात्राएं और यादें - 18 - अंतिम भाग

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18 नद्दी गांव  मेकलोड़गंज से थोड़ा उपर जाने पर यह बर्फीली चोटी हमें दिखाई देती है। यह शिखर हमारे स्टे से भी दिखाई देता है। इसे पास से देखकर बहुत अच्छा लगा। यहां भी स्थानीय सामान की दुकानें, कुछ खाने-पीने की दुकानें थीं। स्थानीय लोगों का यही रोजगार का साधन है। भागसूनाग : यह मैक्लोडगंज से दो किलोमीटर आगे है। यहां एक पौराणिक मंदिर है। इस मंदिर में पहाड़ों से बहकर पानी आता है। पर्यटक मंदिर के इस शीतल पानी में स्नान करके आनंद का अनुभव करते हैं। भागसूनाग में भी एक अच्छा मार्केट भी मौजूद है। सेंट जॉन चर्च : इस चर्च