"सही कहा। यह शादी असल में कोई मायने नहीं रखती। हम दोनो ही के पास कोई ना कोई वजह थी एक दूसरे से शादी करने की पर मुझे लगता है अब वोह वजह नही रही।" कबीर ने बहुत कोशिश करने के बाद आखिर कहा। "क्या?""जैसे की तुम मेरे लिए कुछ लाई हो, मैं भी तुम्हारे लिए कुछ लाया हूं।" कबीर ने बिना अमायरा की तरफ ध्यान दिए जवाब दिया। कबीर उसके हाथ में एक फाइल पकड़ा दी। अमायरा ने कन्फ्यूज्ड होक उस फाइल को पकड़ लिया और उत्सुकता से उसे खोल कर पढ़ने लगी। पर जैसे ही उसने पढ़ना शुरू