"हम्मम। जब उन्होंने अपनी आंखे खोली तोह उन्होंने अपने आस पास देखा। मैं उनके पास ही बिलकुल सामने बैठी थी। उन्होंने मुझे देख कर स्माइल तक पास नही की। और इशिता दी के बारे में पूछने लगी। क्यों? क्योंकि मैं उनकी बेटी हूं और दी उनकी ज़िमेदारी? वोह उनके साथ नाइंसाफी नहीं कर सकती लेकिन मेरे साथ कर सकती हैं, वोह भी इस कंडीशन में भी? जब मैने आज उन्हे बेहोश देखा तोह मैं बहुत डर गई थी। यह उनका सेकंड अटैक था और डॉक्टर ने कहा है की कोई गारंटी नहीं है की वोह ठीक हो पाएंगी की नही।