"मुझे लगा इशान तोह पहले से ही अंदर है। अगर आंटी को किसी चीज़ की जरूरत हुई तोह वोह देख लेगा।" कबीर ने बिना अमायरा की आंखों में देखे कहा। क्योंकि इसमें अमायरा बेहतर थी, वोह उसकी आंखों से समझ जाती की कबीर सच बोल रहा है या झूठ। "बात इसकी नही है की मॉम को किस चीज़ की जरूरत है। बात है की अगर मुझे आप की जरूरत होती, आपके साथ की तोह?" अमायरा ने अचानक कबीर को देखते हुए सवाल पूछ दिया। जबकि सिचुएशन इतनी टेंसड थी फिर भी कबीर अपने आप को मुस्कुराने से रोक नही पाया।