"यह सब मेरा कैसे हो सकता है, जब आप ही मेरे नही हो।" अमायरा ने बिना सोचे समझे एक झटके में कह दिया। "मैं.... उउह्ह..." कबीर सदमे में था। उसे समझ नही आ रहा था की उसकी सच्चाई पर कैसे रिएक्ट करे। "देखिए, मिस्टर मैहरा, मैं आपसे आपकी शिकायत नही कर रही हूं या फिर आपको गिल्टी फील करा रही हूं। मुझे पता है आप मुझे खुश देखना चाहते हैं। और उसके लिए आपसे जो बल पड़े वोह आप कर रहें हैं। और इसके लिए मैं आपसे शुक्रियामंद भी हूं। पर जब मैंने शादी के लिए हां कहा था, मैं