जीवन का अंत सुखद होना चाहिए, यदि जीवन का अंत सुखद नहीं है तो वह अन्त नहीं है । । जीवन में बहुत सारी त्रासदी होती हैं परंतु दूसरी तरफ यह भी सत्य है कि जीवन में प्रसन्नता का भी कोई अभाव नहीं है। जीवन त्रासदी तथा प्रसन्नता दोनों का मिश्रण है। आपकी किस्मत में जो है वह मिल जाएगा। मेरा जीवन भी एक त्रासदी से भरा हुआ था। मैं एक गरीब परिवार में पैदा हुआ , जहां पर हर प्रकार की गरीबी थी। गरीबी इतनी थी कि दो समय की रोटी जुटाना भी कठिन था ।परिवार में चार बहन