भानगढ़ - 4

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अमन को करवट पलटते हुए एहसास होता है जैसे कोई उसे भर्राई आवाज में पुकार रहा हो | वह झट से आँखें खोल कर इधर-उधर देखता है | कहीं कोई नहीं था | खिड़की से आती रौशनी देख वह पलट कर बेड के साथ रखी टेबल से घड़ी उठा कर देखता है | समय देखते ही वह एक झटके से उठ कर बैठ जाता है | वह आँखें मल कर एक बार फिर से घड़ी देखता है | सुबह के दस बजने को थे | वह इतनी देर सो चुका था लेकिन अभी भी उसका सिर भारी था | ऐसे