8 राजेश ने उससे घर पर तो इस बारे में कोई बात नहीं की थी | अब क्या सुनाए वह ? वज केवल अपने ही लिखे हुए गीत कंपोज़ करती ही | इस मन:स्थिति में उसे कुछ याद भी तो नहीं आ रहा था | पशोपेश में थी भानु ! उसके स्वागत में तालियों की गड़गड़ाहट बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी | दरअसल, वह अपनी स्थिति को समझने का प्रयत्न कर रही थी | “प्लीज़ भानुमति ---“ रिचार्ड पियानो को पकड़े हुए उसकी ओर झुका आ रहा था | वह एकदम सकपका सी गई| उसके सामने