अगले दिन प्रेरणा और नितेश ने कुशल को घर बुलाया |कुशल - "मैं कल वापस इंडिया चला जाऊंगा" | नितेश ने उसे आज रात उसके यहां रुकने को कहा, रात को तीनों शराब पीते हुए हंस-हंसकर बातें कर रहे थे और प्रेरित उसी कमरे में मौजूद छुप कर सब बातें सुन रहा था |प्रेरणा - "क्या कुशल.. तुमने आकर इतनी टेंशन दे दी, कितने अच्छे से हम लाइफ जी रहे थे, कितनी मुश्किल से लाइफ नॉर्मल और हैप्पी हो पाई थी" |नितेश - "सही कह रही है प्रेरणा, आई मीन जूलिया" |कुशल एक और पेग बनाता हुआ बोला, "अगर कहीं