लावण्या ने जब मुड़कर देखा वह चंद्रशेखर जी थे,, वो उनके सामने देख कर मुस्कुराई। चंद्रशेखर जी लावण्या के पास आये और प्यार से हग किया,,,,,,! चंद्रशेखर जी ने देखा कि लावण्या की आंखों में नमी तैर गई थी उन्होंने उसका हाथ पकड़कर सॉरी बोला,,,, लावण्या ईस बात पर कुछ नहीं बोली,,,! चंद्रशेखर जी ने अपनी बात कंटिन्यू करते हुए कहा ,, मैंने और तुम्हारी आंटी ने बहुत कोशिश की उसे समझाने की पर लक्ष मानने के लिए तैयार ही नहीं है ,मुझे यह लड़की नहीं पसंद ,,पर क्या करु ...... "मेरी लास्ट और फर्स्ट दोनों चॉइस तू ही थी