जलन आफताब की सुहानी लगी lजलन माहताब की रूहानी लगी ll एक दूसरे पर जान न्यौछावर lप्यार की कहानी पुरानी लगी ll **************************** दिल की धड़कन मदहोश हो गईं हैं lनज़रे चार होते ही होश खो रहीं हैं ll **************************** जिंदगी ने मोहताज बना के छोड़ दिया lजिंदगी तो दी जीने का आनंद ले लिया ll तक़दीर मे जो लिखा है वो पाया है सो lआंसूं छुपाके हस्ते हस्ते ग़म पी लिया ll जीने का हौसला और ज़ज्बा देखो हमारा lना कोई शिकायत, ना कोई गिला किया ll कर्मों का फल है सुख और दुःख बस यही lखुदा