6 सूरदास की सुंदरतम कवितामहाभक्त कवि सूरदास ने जन्मांध होने के बावजूद भगवान कृष्ण के नखशिख रुपमाधुर्य का बड़ा सुन्दर वर्णन किया है। उनकी एक सुंदर रचना का आनंद उठाइये - " हरि को बदन रूप निधान। छसन दाडिम-बीज राजत कमल कोष समान। नैन पंकज रूचिर द्वै दल चलन भौहिनि बान।1। मध्य श्याम सुभाग मानौ अली बैठ्यो आन। मुकुट कुंडल किरन करननि किए किरन को हान।2। नासिका मृग तिलक ताकत चिबुक चित्त भुलान। सूर के प्रभु निगम बानी कौन भांति बखान “।3। सरलार्थ श्याम का मुख रूप का खजाना है। उनकी दंतावली ऐसी सुशोभित हो रही है जैसे अनार के