ब्रजमोहन शर्मा समर्पण : भगवान शिव के श्री चरणों में यह पुष्प समर्पित ॐ नमः शिवाय भूमिका, मित्रों, मैंने प्रस्तुत ग्रन्थ भक्ति माधुर्य का अनुपम रसास्वादन करने हेतु लघु का प्रयास किया है | इसमें रामचरित मानस के सुन्दरतम भक्ति भाव से पूर्ण अन्यतम प्रसंग दिऐ गए हैं | मै बचपन से रामायण का पाठ सस्वर कीर्तन करते हुए किया करता था | यद्यपि मुझे इस महान ग्रन्थ की गहरी समझ नही थी फिर भी मेरा मन चौपाइयाँ गाते हुए भक्तिभाव में ऐसा लीन हो जाता था कि पाठ के दौरान मेरे अश्रु रोके नहीं रुकते थे |