अपंग - 3

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3--- विवाह के पूर्व ही माँ-बाबा को बताना पड़ा था सब कुछ | कुछ नहीं कहा उन्होंने !मूक, मौन यंत्रणा को झेलते हुए दो प्रौढ़ अपना कर्तव्य निबाहते रहे | और ---वह उस छटपटाहट को महसूस करती रही | झेलती रही, भीतर की घुटन से लिपटी उसकी आत्मा कुछ छंट जाने की प्रतीक्षा करती रही | परंतु सब व्यर्थ—उसे राजेश के साथ जाना था, गई | सभी पति के घर जाते हैं –विवाह के लगभग एक वर्ष तक भारत ही में थी राजेश के साथ ! उसके प्रयत्न में कोई बाधा नहीं आई थी, वह करता ही रहा विदेश जाने