मैं भी फौजी (देश प्रेम की अनोखी दास्तां) - 6

  • 5.4k
  • 2.1k

मैं हैरान था क्योंकि वो मेजर अंकल नहीं थे..... मैंने उनसे पूछा मेजर अंकल कहां है तब उन्होंने दिवार पर टंगी तस्वीर को दिखाया और कहा " अब ये यही कैद है .."मैंने उनसे पूछा " आखिर क्या हुआ इनके साथ " तब उन्होंने कहा " क्या तुम सूरज हो धरा के बेटे.."" हां मैं ही सूरज हूं.." उन्होंने मुझे एक चिठ्ठी पकड़ाई और कहा " ये मेजर जनरल के जरिए लिखी आखिरी चिट्ठी है ..." जैसे ही मैंने चिठ्ठी पढ़ी ... मैं कह नहीं सकता उस समय मेरा पूरा शरीर निष्क्रिय हो गया पास खड़े कुछ साथियों ने मुझे