रेडीमेड स्वर्ग - 8

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अध्याय 8 ट्रक अपने वेग से जा रहा था - अंदर कैद हुए सुरभि, हेमंत और शाहिद तीनों लोग गर्मी से शुद्ध प्राणवायु के बिना सांस लेने के लिए परेशान हो रहे थे। सुरभि रोने ही लगी। "क्या है जी..... हमने खेल-खेल में जो योजना बनाई थी ऐसे विपरीत स्थिति में आकर खत्म हुई…...?" हेमंत उसके कंधे को पकड़ा। "सुरभि ! इस समय हमें टूटना नहीं चाहिए.... हम तीनों थोड़ी होशियारी दिखाये तो.... इससे बच सकते हैं...." शाहिद बीच में बोला। "हेमंत ! तुम सोच रहे हो जैसे ये लोग मुझे साधारण आदमी नहीं लगते..... दोनों लोगों के चेहरे मोहरे