पल पल दिल के पास - 15

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भाग 15 पिछले भाग में आपने पढ़ा की रस्तोगी का दिल बदल जाता है। वो अपनी और अपने क्लाइंट के प्रति जिम्मेदारी को समझता है। उसे अहसास होता की वो गलत राह पर था। उसका फर्ज तो पीड़ितों और दुखियो को न्याय दिलाना है। ये वो किस रह पर चल पड़ा था। उसके लालच की वजह से कितनी पीड़ा पहुंचती होगी उसके क्लाइंटो को ये उसने सोचा ही नहीं कभी। आज भी अगर मैं उसके और नियति के केस के बीच नहीं आता तो शायद रस्तोगी कभी नहीं बदलता। अब आगे पढ़े। मैं पूरी तैयारी के साथ मुकदमे की तारीख