किस्मत

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सुहानी घर से निकली तो बाहर बदली सी छा रही थी। मौसम सुहाना लग रहा था। शीतल बयार के बीच दिल चाह रहा था कि आज ऑफिस न जाये और इस रूमानी मौसम का लुत्फ उठाया जाए। मगर अपनी मीटिंग और टेबिल पर रखी जरूरी फाइलों का ख्याल आया तो मन मसोस कर कार ऑफिस के रास्ते में मोड़ दी। ऑफिस आकर काम में व्यस्त हो गई। अचानक चपरासी ने एक पर्ची लाकर दी। जिस पर संदल तिवारी नाम लिखा था। नाम देखकर वह चौंक गई और चपरासी से आगंतुक को अंदर भेजने के लिए कहा। मे आई कम इन