पहली मुलाक़ात

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दोपहर के २ बज रहे थे...दरवाज़ा खुला...- ओ सिया...तुम अकेले ही आयी हो???वो कॉलेज से घर आयी ही थी कि माँ ने सवाल शुरू कर दिए...पसीने की बूँदे माथे से लुढ़कती हुई ज़मीन पर गिर रही थी...सिया- माँ... भाई को फोन किया था वो बिजी था तो मैं अकेले आ गयी...माँ- चल ठीक है... तू कपड़े बदल कर खाना खा ले...उसे बहुत भूख लगी थी... जल्दी से कपड़े बदल कर खाना लेने रसोई में गयी तो माँ बोली...माँ- कल कॉलेज नहीं जाना...लड़के वाले तुझे देखने आ रहे है...सिया ने जैसे ही ये सुना उसकी दिल की धड़कन तेज़ हो गयी