चौथा नक्षत्र- 9

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अध्याय 9 टॉपर चित्रा और मुग्धा कैंटीन के पास पहुंच चुकी थीं । सुरभि को कमल की बांहों में झूलते हुए उन्होंने देख लिया था । चित्रा उसे खींचती हुई कैंटीन के दरवाजे की ओर बढ़ गयी थी । उन दोनो के पीछे-पीछे फुदकती हुई मुग्धा भी कैंटीन में प्रवेश कर गयी थी । “अच्छा , इसलिए इतना तेजी से भागती हुयी कैंटीन आ रही थीं !! ” चेअर पर बैठते ही मुग्धा नें शैतानी भरे स्वर में कहा । “ चुप करो .. मैं तो बस पिल्लों को देखने गयी थी , और ....” “ ओ sss हो sss....पिल्लों