निष्कलंक - अंतिम भाग

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जब तक चबा कर खा सकते थे। खाई गई। औरफिर घर से बहार फेंक दी गई। काम कि नहीं रही। पेट में बच्चा था। किसका? किसीको नहीं पड़ी थी। अबसे यही मेरी बेटी है कह,, आशा कि माँ से शादी रचाने वाले ने,, ये कहकर आशा को नोचने वाले लड़को के हाथों में उस बच्ची को छोड़ दिया- जाकर गटर में फेंक दो। अब ये हमारे किसी काम कि नहीं है। अबोर्शन करवाया,, पुलिस तुमसे पहले मुझे ही पकड़ेगी,, सवाल करेगी मुझसे। इसके पेट में बच्चा पड़ा कैसे? मुझे नहीं पड़ना इस बेकार के झंझट में,,, लड़को को शायद दया