मे और महाराज - (फैसला_१) 45

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राजकुमारी शायरा की पालखी निकली तो जरूर थी राजकुमार अमन की तरफ, लेकिन बीच रास्ते में ही पालखी ने अपना रुख बदल दिया। राजकुमारी ने उन वाहको से काफी बहस की। लेकिन कोई मतलब नहीं वह चुपचाप पालखी बिना रुकाए चलते रहे। वह पालखी वजीर साहब के घर के बाहर आकर रुकी। वजीर साहब की बीवी और शायरा की बड़ी बहन दरवाजे पर खड़े थे। " मैंने नहीं कहा था आपसे मां, भले ही इसकी शादी करवा दो लेकिन उसके दिलों-दिमाग में अभी भी मेरे पति को रिझाने में ज्यादा रुचि है। देखा कैसे मुंह उठाए चली आई।" उसकी बहन