मैं ही क्यों....

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नमस्कार दोस्तो....आज मैं आप सब से कुछ कहना चाहती हूं कि कैसे आज भी लड़की का पैदा होना इतनी खुशी की बात नहीं होती है।जब एक लड़की किसी घर आंगन में जनम लेती है तो ना जाने क्यो खुशी से ज्यादा लोगो में ये भाव होता है कि इसका पालन पोषण कैसे होगा, इसकी सुरक्षा के लिए क्या करना होगा, पढाई पर खारचा होगा, शादी मे भी खर्चा होगा ना, और भी बहुत कुछ करना पडेगा।क्यो लोगो की सोच अभी भी संकीर्ण है, बेटी को लेकर, की बेटी हमारी बेटो से कम आंकी जाती है।कुछ विचार मेरे मन में आये