एक बूंद इश्क - 15

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१५.अतीत दादाजी और रुद्र अपर्णा के बारे में बातें कर रहे थे। उसी वक्त घर के सभी लोग अपर्णा को घेरे बैठे थे। रणजीत जी कुछ परेशान से दरवाज़े की ओर देखे खड़े थे। उसी वक्त वहां एक औरत आई और उसने कहा, "क्या हम अंदर आ जाएं?" औरत की आवाज़ सुनकर सब का ध्यान उस तरफ़ गया। कोई भी उन्हें नहीं जानता था। इसलिए सब हैरानी से उन्हें देख रहे थे। लेकिन जैसे ही अपर्णा और दादाजी का ध्यान उस औरत पर पड़ा। दोनों की सांसें ही रुक गई। उन्होंने एक-दूसरे को देखा। तभी रणजीत जी ने कहा, "आइए