"क्योंकि मैं नही चाहती तुम अपनी इच्छा के बिना उससे शादी करो। और शायद यह हो सकता है की उससे मिलने के बाद तुम मना कर दो।""मैं क्यों अब मना करूंगा? जब मैं उससे बिना मिले ही शादी करने को तैयार हूं तो क्या दिक्कत है। अब चाहे वोह गूंगी, बहरी या फिर लंगड़ी हो, मैं शादी के लिए तैयार हूं।" कबीर अब इरिटेट होने लगा था। "उसका नाम अमायरा है," सुमित्रा जी ने कबीर से नज़रे चुराते हुए कहा। "क्या? अमायरा? आप मज़ाक कर रहीं है ना? आप...आप प्लीज सीरियस नही हो सकती मां?" कबीर ने हैरत से पूछा।