मॉटरनी का बुद्धु - (भाग-19)

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मॉटरनी का बुद्धु---(भाग-19)भूपेंद्र जी संध्या को सीने से लगाए गाना सुनाते सुनाते कब सो गए, उन्हें खुद ही पता नहीं चला। जब अलार्म बजा तब जा कर नींद खुली तो देखा संध्या वैसे ही लेटी उनकी तरफ एकटक देख रही थी। रात जितनी अच्छी और गहरी नींद भूपेंद्र जी को मुद्दतों बाद आयी थी। संध्या को अपनी तरफ अपलक देखते ही भूपेंद्र जी किसी अनहोनी होने के अंदेशे से घबरा गए, उनका हाथ तुरंत संध्या के माथे पर चला गया तो संध्या ने पलके झपकायीं तो उनकी साँस में साँस आयी वो भी क्या करें, इतना कुछ इस बीमारी के