मॉटरनी का बुद्धु - (भाग-9)

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मॉटरनी का बुद्धु--(भाग-9)सभ्यता ने चाय टाइम देखा और चाय बना ली पर पापा वॉक से नहीं आए सोच कर वो चाय पीने बैठ गयी। वो रोज रात को 11 बजे सो कर सुबह 4:30-5-00 बजे उठ जाती है पढने के लिए। चाय खत्म होने तक पापा नही आए सोच कर वो उनके कमरे की तरफ चल दी। दरवाजा खोलने लगी तो अंदर से बंद था, मतलब पापा वॉक पर नहीं गए। उसने दरवाजा खटखटा दिया। भूपेंद्र जी अलसाए से उठे और दरवाजा खोल कर फिर से पलंग पर बैठ गए....." क्या हुआ मॉटर जी आज वॉक का बंक मार लिया?