जेठ रखवाली के लिए आ गए थे। क्योंकि- पति को कम्पनी ने अमेरिका भेज दिया था। मुसीबत ये नहीं कि यहां मैं अकेली कैसे रहती! शहर की सुरक्षित मल्टी, आसपास अच्छे लोग...। फिर उन्हें भी इतनी फुरसत कहां कि खेती-बाड़ी, बीमार मां, भाई और अपना क्लीनिक छोड़ यहां इतने दिनों रह लेते! संदीप ने भी ऐसा कुछ खास आग्रह न किया था। कहा जरूर कि सहूलियत मुताबिक आप बीच में एक-दो बार हो आएं द्वादशी के पास। वैसे तो कोई बात नहीं है, पर लोगों को यह न लगे कि निपट अकेली रह रही है! और यूं तो मैं कोई