लावी अब ठीक थी और वो पहेले से बेहतर भी,,,,,, अपने सारा दोस्तो से मिलकर,,, सब वहा बैठेहुए थे लक्षको लगा उसका वहा रुक ना लावी को अच्छा नही लग रहा है ,!तो वो सब को बाय बोलकर अपने घर के लिए निकल गया............ लावण्या ने एक बार भी उसे मुड़ कर नहीं देखा था,,,,, पर लक्ष उसे बार-बार मुड़ कर देख रहा था,,,,। शाम होने आई थी,,,,, सब ने साथ मे ही डिनर लिया,,,,,, सिया _सचिन सबको बाय बोलकर अपने अपने घर चले गए,,,,, लावण्या कुछ देर तक अपने मामा मामी के साथ बैठी फिर अपने रुम में चली