महक उदास मन भीगी आँखो से सड़क के उस पार टूटे -फूटे खपरैल के घर की ओर निहारते हुए उन एहसासों को तक रही थी जिसे अन्जाना दुश्मन मन में घुस कर उससे छीन कर ले गया था | "अरे मम्मी बचाओ! दूर हटो डॉगी कहींके ! भागो यहाँ से !" पार्क में खेलते हुए महक एक पिल्ल से डर कर चिल्लाने लगी | वो उसके कदमो के साथ दौड़ता हुआ उसके पैरों को छूने की कोशिश कर रहा था| "मम्मी ये काट लेगा!" वो पार्क के बेंच पर चढ़ कर लगातार चिल्ला चिल्ला कर