देव सबिता के वापिस आने का इंतजार कर रहा था। उसे पता था की वोह इस रिश्ते में गहराई से और तेज़ी से बढ़ रहा है उसके लिए। भागने से पहले सबिता ने भी कहीं न कहीं देव की फीलिंग्स को भांप लिया था। पर देव अपनी फीलिंग्स से लड़ते लड़ते थक गया था। वोह ठीक तरह से समझ नही पा रहा था की वोह इन एहसासों को क्या कहे। फॉलिंग इन लव? नही। प्यार नही हो सकता। प्यार होने में तोह वक्त लगता है। वोह बिखर रहा था। जो भी वोह महसूस कर रहा था वोह उसे सबिता को