अनोखी प्रेम कहानी - 10

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बटेश्वर स्थान का गंगा-घाट और उससे लगा विशाल भू-भाग, नर-नारियों के हास-परिहास और हलचलों से भर गया था। सैकड़ों बीघे भू-भाग पर सहस्त्रों शिविर तथा तम्बुएँ। शिविरों के लिए निर्मित मार्ग तथा उनके किनारे कतारों में गाड़े गये मशालों की पंक्तियाँ।प्रत्येक शिविर समूह के साथ विस्तृत भूमि पर रसोइये, सेवकों तथा अंगरक्षकों के निवास निर्मित किये गये थे तथा शिविरों में आये राजे-रजवाड़े, जमींदारों की पालकियाँ, घोड़े एवम् बैलगाड़ियों के लिए अलग से स्थान घेरा गया था।इनमें राज भरोड़ा का शिविर सबसे विस्तृत था। शिविरों के चारों तरफ वीरवर भीममल्ल, राजरत्न मंगल, वैद्यराज रसराज तथा कुँवर नटुआ दयाल सिंह के