जो भी रचनाएँ जितनी बड़ी होती हैं उन्हें उतने ही भिन्न-भिन्न तरह सेव्याख्यायित किया गया है। अलग अलग पाठक उन रचनाओं के अलग-अलगअर्थ निकालकर उसकी सकारात्मकता की पुष्टि करते रहे हैं और यह बात हीरचना को बहु आयामी बनाती है। गवाक्ष एक ऐसा ही उपन्यास है। इसे पढ़करलोग इसमें से भिन्न-भिन्न बातें ग्रहण करेंगे और इसे अपने अपने ढ़ंग सेव्याख्यायित करेंगे।मैंने पढ़ते हुए इस उपन्यास से जो ग्रहण किया यदि उसे एक पंक्ति में कहूँतो यह मनुष्य के वाह्य जगत से अंतर्भुवन की ओर की एक यात्रा है। यहयात्रा करवाता है गवाक्ष का सूत्रधार कॉस्मॉस। कॉस्मॉस वास्तव में मुझेमनुष्य की