"कौन.. कौन है वहां?", हल्का ज़ोर से बोलता हुआ ध्रुव जब वहां पहुंचा तो कुछ हिलता सा देख, वो एकदम से चिल्लाया, "आ.. आ।" "क्या हुआ.. ?", अपना खुले बालों को पीछे करते हुए निया बोली।"फिर मज़ाक कर रहे हो मेरे साथ?", निया चिड़ते हुए बोली। "मज़ाक.. तुम्हें किसी ने बताया है वैसे? तुम ना बड़ी सुंदर हो।" "हहह..??" "पर मेहरबानी कर के, ऐसे बाल खोल के अंधेरे में मत बैठा करो।", ध्रुव निया के सामने हाथ जोड़ते हुए बोला। मुस्करा करके, बड़ी सी सांस छोड़ कर हंसती हुई निया, अपने बाल बांधती है। "क्या बात है? आज बिना किसी बहस के ही बात मान गई?",