विमल और वसुधा ने अपनी जिंदगी की शुरुआत सभी बड़ों के आशीर्वाद से की। वसुधा ने कभी सोचा भी न था की पापा उसकी शादी विमल से करा देंगे। सब कुछ सपने के सच होने जैसे लग रहा था; बल्कि सपने से भी खूबसूरत लग रहा था। सपना तो कुछ पल बाद टूट जाता है, पर ये तो खुली आंखों से दिखने वाला सपना था। कुछ दिनों की छुट्टी दोनो ने ले रक्खी थी। इस बीच वो घूमने भी गए। अब छुट्टियां खत्म हो गई। दोनो अपने अपने काम पर जाना शुरू कर देते है। मिलजुल कर घर का निपटाते