इलाहाबाद विश्वविद्यालय से समाज शास्त्र से एम 0 ए 0 करते करते इतना आत्म विश्वास आ गया कि अब हमने समाज के बारे में , बहुत कुछ जान लिया है। भारतीय समाज के द्वापर , त्रेता , सतयुग , कलयुग को पढ़ लिया ।पश्चिमी दृष्टियों से भी समाज के विकास को पढ़ लिया । डार्विन के सिद्धांत को भी पढ़ लिया है। बाजार के सिद्धांत को भी पढ़ लिया है कि हर आदमी मुनाफे की ओर भागता है। अर्थात जहाँ मुनाफा होगा , आदमी वही जायेग। छुट्टियो में जब गांव जाता तो गांव के समाज को , उसके अर्थ