(46)वह आदमी रंजन सिंह था। उसने टॉर्च की रौशनी कान्हा के चेहरे पर मारी। कान्हा रंजन सिंह को देखकर थर थर कांप रहा था। उसे इस हालत में देखकर रंजन सिंह के मन में आया कि अब वह कुछ ही घंटों का मेहमान है। आज अमावस है। आधी रात के बाद यहाँ ज़ेबूल के पुजारी जमा हो जाएंगे। ज़ेबूल की पूजा करेंगे। उसे खुश करने के लिए इसकी बलि देंगे। उसने कान्हा से कहा,"तुम्हारे लिए खाना लेकर आया हूँ। खा लो।"यह कहकर उसने हाथ में पकड़े हुए पैकेट से खाना निकाल कर एक प्लास्टिक की प्लेट में डालकर उसके