दरवाज़ा खुला और फिर बंद हो गया सामने खड़ा लंबा चौड़ा शख्स आगे बढ़ने लगा और सबिता के सामने वाली कुर्सी पर जाकर बैठ गया। सबिता के सामने बैठा शख्स और कोई नही देव सिंघम था। सबिता उसकी इस हरकत पर तिलमिला उठी। वोह पूछना चाहती थी की इस तरह उसके ऑफिस में घुसने की वजह लेकिन फिर उसने अपने आप को रोक लिया जब उसने उसके चेहरे की तरफ देखा तोह वोह समझ गई की देव इस वक्त काफी गुस्से में है। देव ने अपने हाथ को हथेली की साइड से ज़ोर से टेबल पर मारा तो टेबल पर रखा सामान