...चिंटू के सुहाना के पास न पहुंचने की खबर सुन उसके अब्बा आमिर और छोटे चाचू रफ़ीक़ कार लेकर तुरंत उसे ढूँढने के लिए निकल पड़ें। अपने घर से सुहाना के घर तक के रास्ते को पूरी तरह छान मारा। पर न तो चिंटू व उसका ड्राइवर मिला और न ही उनके कार का कुछ अता-पता चला। सुहाना के घर पहुँच उससे पता किया तो वह भी चिंटू के गुम होने की वजह से बहुत ही परेशान थी। उसने बिना देर किए पुलिस से मदद लेने की बात कही। फिर सभी कोतवाली की तरफ निकल पड़ें। “गाड़ी रोको, गाड़ी रोको”