बेटा यही सही है  

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स्वाति के विवाह को दो वर्ष भी पूरे नहीं हुए थे कि दुर्भाग्य, सौभाग्य की हत्या कर उसके जीवन में हमेशा के लिए प्रवेश कर गया। जितना दुःख पूनम और अजय को अपने बेटे को खोने का था, उतना ही दुःख उन्हें स्वाति के विधवा होने तथा एक वर्ष के नन्हे मयंक के सर से पिता का साया उठने का भी था। स्वाति के भविष्य के लिए उनके मन में हज़ारों चिंतायें जन्म ले चुकी थीं। दोनों पति-पत्नी स्वाति से अपनी बेटी की तरह ही प्यार करते थे। स्वाति भी इस परिवार में बेहद ख़ुश थी लेकिन पति के जाते