वो पहली बारिश - भाग 17

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"बस बहुत हो गया!! इस बार तो मैं कहीं नहीं भूलने वाला कुछ।", गुस्से में दरवाज़ा खोलता हुआ ध्रुव बोला। "हहमम..", कुनाल सुनते हुए बोला। "हहमम.. तू पूछेगा भी की क्या हुआ की ऐसे ही कुछ भी बोले जाएगा।" "मैं नहीं पूछूंगा, तो कौन सा तू नहीं बताएगा। कौन सी बात पे लड़ लिया आज, पुणे रहने की बात पे या काम की बात पे..." "वो नहीं यार.. ये निया है वो ना मुझे पागल कर देगी, पता नहीं कौन सी महुरत में मिली थी.. जब से मिली है परेशान ही कर रखा है।" "क्या किया निया ने??" "उसने आज तो हद ही कर दी, वो