डॉ. वीरेन वर्मा ने अपने नए जन्मे शिशु को अपनी बाहों में उठाकर सीने से चिपका लिया | सत्रह वर्ष की रीना पिता के पीछे खड़ी थी | उसे समझ में नहीं आ रहा था कैसे रिएक्ट करे ? डॉ. भी कहाँ समझ पा रहे थे लेकिन यह सच था कि अब वे तीसरे बच्चे के पिता बन चुके थे | “देखोगी भैया को –”डॉ. वर्मा ने अपनी लाड़ली बिटिया से झिझकते हुए पूछा | उसके चेहरे पर एक उत्सुकता लेकिन एक झेंप भी स्पष्ट झलक रही थी | डॉ. साहब ने बेटी के ऊपर दृष्टि डाली और उसके हाथ