फूल बना हथियार - 19

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अध्याय 19 'मैंने उसे देख लिया!' कोदण्डन के कहते ही अक्षय, परशुराम और डॉक्टर उत्तम रामन तीनों अंधेरे में इधर-उधर देखने लगे। अक्षय घबराया। अपनी आवाज को बहुत धीमी की। "कहां है वह अप्पा... बोलिए... इसी जगह पर उसकी कहानी को खत्म कर देते हैं!" "थोड़ा रुको...! जल्दबाजी मत करो काम खराब हो जाएगा। मैं जो जगह बता रहा हूं उसे ध्यान से देखो.... चर्च के बाई तरफ एक पिलर है। तुम देख पा रहे हो?" "हां... देख पा रहा हूं..!" "उस पिलर के पीछे छुप कर बैठा हुआ है।" "देख लिया। हवा में उसकी शर्ट थोड़ी हल्की हिल रही