प्यार ऐसा भी - 8

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प्यार ऐसा भी मैं 4-5 महीने से अपनी अक्लमंदी पर खुश और उसको पता नहीं चलने देने की कोशिश में कामयाब हूँ ,से निश्चिंत रहा। वो इन दिनों काफी खोई -खोई सी रही। उन दिनों 1-2 बार हमेशा की तरह बाजार चलने को कहा तो मैंने टाल दिया। मैं जानता था कि वो जहाँ जाती है, वहाँ से अपने परिवार के बच्चों के लिए शॉपिंग करती है। कई बार मेरी बहन के लिए कुछ न कुछ लाती है, पर मुझे नफीसा से बात करनी थी।वैसे भी वो मेरे ऐसे आने से अकेला महसूस कर रही थी। वो अकेले कैसे अंजान जगह