भाग 8 नरोत्तम गिरी साधना में रत हो गया। हिमालय पर्वत श्रृंखला की चोटियों पर लगातार शून्य से भी कम तापमान में तप करता रहा। कई कई बार तो बर्फ से ढंक जाता। जैसे ठंड के निवारण के लिए प्रकृति ने उसे बर्फ की चादर उढ़ा दी हो। प्रकृति के पास भी उस समय वही तो उपलब्ध थी। मौसम बदलते रहे, बर्फ से जमी नदियाँ बहार आने पर कल -कल करती बहने लगीं। वादियों में खुशनुमा फूल खिले। नीलकमल खिला, ब्रम्हकमल खिला। पत्थर सी देह लिये नरोत्तम गिरी ने हरिद्वार की ओर प्रस्थान किया। आश्रम चहल-पहल से भरा था। कुछ