लगभग दो वर्ष बीत चुके थे रूपा और करण को एक दूसरे की ज़िंदगी में आए हुए, दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे। करण रूपा की हर ख़्वाहिश पूरी करता, फ़िल्म देखना, मॉल में जाना और बाइक पर लॉन्ग ड्राइव पर जाना रूपा को बहुत पसंद था। वक़्त आगे बढ़ता ही जा रहा था, अब रूपा करण को विवाह करने के लिए कहने लगी। जब भी करण कोई उपहार लाता, रूपा कहती अब तो मुझे सिर्फ़ एक ही उपहार चाहिए करण और वह है मंगल सूत्र। क्या तुम्हें नहीं लगता कि अब हमें विवाह कर लेना चाहिए? आखिरकार