कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।।

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कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।।जो प्यारे से जज़्बात से जुड़े,ओर महोब्बत तक का सफर तय करते है।कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।।जो उम्मीद बने तब जब रब भी तुमसे रूठे,हाथ थामे तुम्हारा तो उम्मीद बाँधा करते है।कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।।रूठ ले पूरी दुनिया फिर भी कोई फर्क नही,पर उसके रूठने से हम खुद से नाराज हुआ करते है।कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।।हँसने का चाहे मन न हो फिर भी अपनी,एक मुस्कान से मेरे होंठो पे हँसी लाया करते है।कुछ बंधन ऐसे भी हुआ करते है।।याद कभी न रही दुनिया और, उसे कभी