तू मेरी जिंदगी हैं - भाग - 7

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"तू मेरी ज़िन्दगी है" के पाठको का एक बार फिर स्वागत है। तू मेरी ज़िन्दगी हैं भाग - 7 विशाल अपने कमरे में बैठा है।शामहो चुकी है।पर उसने कमरे की बत्ती नहीं जलाई ।वो खुशी के बारे में ही सोच रहा था। उसे खुशी से पहली मुलाक़ात आज भी याद थी।वो खुशी की यादों में खो गया।खुशी बैंक में अपना अकाउंट खुलवाने अाई थी।पहली मुलाक़ात में ही दोनो में अच्छी दोस्ती हो गईं। मुलाकाते बढ़ने लगी । एक दिन विशाल ने पूछा - खुशी, मुझसे शादी करोगी? अभी तो हम एक दूसरे को ठीक से जानते भी