दूसरे दिन सुबह शालू बेबी के रोने की आवाज सुनाई दी तो उठ गई और फिर बेबी को लेकर घुमाने लगी पर समीर को नहीं जगाया। समीर अपने समय से उठा और देखा कि शालू बेबी को लेकर घुम रही थी और उसकी आंखों में नींद थी। समीर ने कहा अरे बाबा कब से जाग रही हो जगाया क्यों नहीं मुझे? शालू ने कहा हां गहरी नींद सो रहे थे कैसे जगा देती। समीर ने कहा अच्छा ठीक है अब जाओ सो जाओ मैं उसे सम्हाल लेता हूं। शालू ने कहा ना जी ना।सो गई है मैं भी सो जाती